केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं परीक्षा का रिजल्ट 13 मई को जारी कर दिया । इस वर्ष 10वीं में 93.66 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं जो कि पिछले साल से 0.06 फीसदी अधिक है। 2385079 विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें से 2371939 विद्यार्थी एग्जाम में बैठे। एग्जाम में उपस्थित इन छात्रों में से 2221636 पास हुए हैं। लड़कियां 95 फीसदी पास हुईं जबकि लड़के 92.63 फीसदी पास हुए। यानी लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से 2.37 फीसदी अधिक रहा। वहीं सीबीएसई 12वीं परीक्षा में 88.39 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.41 प्रतिशत अधिक है। 10वीं की तरह सीबीएसई 12वीं में भी लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से काफी बेहतर रहा। सीबीएसई 12वीं रिजल्ट में 91 प्रतिशत छात्राएं पास हुईं जबकि छात्रों का पास प्रतिशत 85.06 प्रतिशत रहा है। कुल 1,11,544 स्टूडेंट्स ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जबकि 24,867 स्टूडेंट्स ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं।
रीजन के लिहाज से देखें तो त्रिवेंद्रम और विजयवाड़ा सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र बने, जहां का पास प्रतिशत 99.79% रहा। इनके बाद बेंगलुरु, चेन्नई और पुणे जैसे बड़े शहरों में भी 95% से अधिक पास प्रतिशत दर्ज किया गया। दिल्ली के दोनों रीजन ईस्ट और वेस्ट का पास प्रतिशत क्रमशः 95.07% और 95.24% रहा। वहीं गुवाहाटी इस बार सबसे पीछे रहा जहां पास प्रतिशत केवल 84.14% दर्ज किया गया। देहरादून रीजन में भी कई बेटे, बेटियों ने टॉप स्कोरिंग कर प्रदेश का मान बढ़ाया। 12वीं में कृतका मदान और रुद्र ने 10वीं में 99.8% अंक प्राप्त किए, जो राज्य में सर्वोच्च स्कोर में से एक है। उनकी इस उपलब्धि ने उत्तराखंड का नाम पूरे देश में रोशन किया पिछले कुछ सालों में सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में हाईएस्ट नंबर लाने वाले छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस साल 10वीं के करीब 2 लाख छात्रों को 90% से अधिक नंबर मिले हैं। वहीं 12वीं में 90% से अधिक नंबर लाने वाले छात्रों की संख्या 1 लाख से अधिक है। वहीं 1.29 लाख से अधिक बच्चों को कंपार्टमेंटल की कैटेगरी में डाला गया है। सीबीएसई कक्षा 12 के परिणामों में जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) 99.29% की प्रभावशाली उत्तीर्ण दर के साथ सूची में शीर्ष पर रहे। केन्द्रीय विद्यालय (केवी) 99.05% के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि केन्द्रीय तिब्बती स्कूलों (एसटीएसएस) ने भी 98.96% उत्तीर्ण प्रतिशत के साथ अच्छा प्रदर्शन किया। अन्य श्रेणियों में, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की सफलता दर 91.57% रही, तथा सरकारी स्कूलों की सफलता दर 90.48% रही। स्वतंत्र (निजी) स्कूल, हालांकि थोड़ा पीछे रहे, फिर भी उन्होंने 87.94% का सराहनीय उत्तीर्ण प्रतिशत हासिल किया। हर साल की तरह इस बार भी सीबीएसई ने टॉपरों की लिस्ट जारी नहीं की है। कुछ साल पहले सीबीएसई ने अनहेल्दी कंपीटिशन को रोकने के लिए मेरिट लिस्ट जारी करना बंद कर दिया था। बोर्ड सभी विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को ये निर्देश भी देता है कि किसी भी बच्चे को स्कूल या जिले का टॉपर घोषित न करें। हालांकि, कई छात्रों ने असाधारण रूप से उच्च अंक प्राप्त किए हैं। कुछ ऑनलाइन आउटलेट और स्कूलों ने अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की सूची तैयार की है, लेकिन ये सूचियां आधिकारिक सीबीएसई टॉपर सूची नहीं हैं। सीबीएसई ने कहा है कि वह अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए टॉपर्स की सूची प्रकाशित नहीं करेगा। सभी डेटा तैयार होने के बाद, सीबीएसई टॉपर्स कक्षा 12 की अनौपचारिक सूची यहां अपडेट की जाएगी। तकनीकी रूप से, नीचे दिए गए नाम टॉपर हो भी सकते हैं और नहीं भी। इन्हें सीबीएसई कक्षा 12 , 2025 के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर के रूप में संदर्भित किया जा सकता है। बता दें, सीबीएसई 12वीं कक्षा के लिए करीब 17 लाख आवेदन आए थे। इनमें से 15 लाख छात्र सफल हुए हैं। इस हिसाब से भी इस बार का सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट अच्छा माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, सभी एग्जाम वॉरियर्स को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं। यह आपकी सच्ची लगन, मेहनत और अनुशासन का नतीजा है। इस खास मौके पर माता-पिता, अध्यापक समेत अन्य लोगों के अहम योगदान को भी नहीं भूलना चाहिए। मैं आशा करता हूं कि सभी एग्जाम वॉरियर्स को जीवन के हर पड़ाव पर ऐसे ही सफलता प्राप्त हो। वहीं बोर्ड की परीक्षा में कम नंबर लाने वाले परीक्षार्थियों को भी पीएम मोदी ने खास संदेश दिया है। पीएम ने एक्स पर लिखा- जिन बच्चों के नंबर कम आए हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि एक परीक्षा आपको परिभाषित नहीं कर सकती है। आपका सफर इससे कहीं ज्यादा बड़ा है। आपकी ताकत मार्कशीट से बहुत आगे है। आत्मविश्वास बनाए रखें, जीवन में कई बड़ी चीजें आपका इंतजार कर रही हैं।
इस बार भी देहरादून सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट की रैंकिंग में टॉप 10 में शामिल नहीं हो सका
सीबीएसई 10वीं और 12वीं कक्षा में उत्तराखंड के विद्यार्थियों ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। उत्तराखंड में सीबीएसई परीक्षा में 10वीं का कुल पासिंग परसेंटेज 92.99 रहा, जबकि देहरादून रीजन का 91.60 रहा।
सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में रीजन देहरादून 14वें पायदान पर रहा। इसी तरह उत्तराखंड में 12वीं के छात्रों का कुल पासिंग परसेंटेज 86.15 रहा, जबकि देहरादून रीजन का पासिंग परसेंटेज 83.45 रहा। रुद्रपुर की रहने वाली कृतका मदान ने पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। कृतिका ने सीबीएसई बोर्ड बारहवीं की परीक्षा में 99.4 प्रतिशत अंक लाकर न सिर्फ पूरे प्रदेश में टॉप किया है, बल्कि देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। कृतिका की इस उपलब्धि पर न सिर्फ परिवार और स्कूल बल्कि रदेश सरकार ने भी सराहा है। वहीं हेमन्या वशिष्ठ (डीपीएस रणिपुर, हरिद्वार) ने 98.8% अंक प्राप्त किए। अनुवंशी गुप्ता (दून इंटरनेशनल स्कूल, देहरादून) ने 98.2% अंक प्राप्त किए। वहीं रुद्र ने 10वीं में 99.8% अंक प्राप्त किए, जो राज्य में सर्वोच्च स्कोर में से एक है। उनकी इस उपलब्धि ने उत्तराखंड का नाम पूरे देश में रोशन किया। देश भर में सीबीएसई के कुल 17 रीजन हैं। इसमें देहरादून रीजन का नंबर 13वें स्थान रहे। जबकि पिछले साल यह 11वें स्थान पर था। देहरादून रीजन में उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आठ जिले बदायूं, बिजनौर, ज्योतिबा फूले नगर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर व संभल शामिल हैं। खास बात ये रही कि देश में दून रीजन टॉप-10 में भी स्थान नहीं बना पाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित कक्षा 12वीं एवं 10वीं के परीक्षा परिणामों में उत्तीर्ण सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि यह सफलता विद्यार्थियों के कठिन परिश्रम, समर्पण और अटूट संकल्प का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी छात्र-छात्राएं हमारे राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के निर्माता हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सभी विद्यार्थी आगे भी इसी उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ अपने जीवन में निरंतर प्रगति करते हुए नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा जिन विद्यार्थियों का परिणाम उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहा, वे निराश न हों, यह जीवन का अंतिम पड़ाव नहीं है। यह स्वयं को और बेहतर बनाने, आत्ममंथन करने और नए सिरे से आगे बढ़ने का अवसर है । असफलता भी सफलता की राह का एक महत्वपूर्ण चरण होती है।