Close Menu
Swadesh News UKSwadesh News UK
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • राजनीति
  • राज्य समाचार
  • देश
  • दुनिया
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • खेल
  • मनोरंजन
  • व्यापार
  • धर्म
  • क्राइम
Facebook X (Twitter) Instagram YouTube WhatsApp
ब्रेकिंग न्यूज़ -
  • एसएसपी देहरादून के निर्देश पर दून पुलिस का एक्शन, नारकोटिक्स के हिस्ट्रीशीटर अपराधियों पर रखी जा रही कड़ी नजर
  • पंचायत चुनाव से पहले देहरादून पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 17 पेटी अवैध शराब के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार
  • आम आदमी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी महेंद्र यादव का भव्य स्वागत
  • असहाय, अनाथ बालिकाओं की पढ़ाई में ऑलरेडी बरदान साबित हो रहा डीएम का प्राजेक्ट नंदा-सुनंदा।
  • 130 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स के लिए कैंसर सर्वाइवरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नेतृत्व में
  • कार्यक्रम में कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता अभिनव थापर ने राज प्लाजा एसोसिएशन के सदस्यों के साथ छबील का लंगर बांटा।
  • योग नीति के तहत प्रदेश के पांच क्षेत्रों को योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा
  • आपदा मित्र योजना की तर्ज पर प्रारंभ होगी आपदा सखी योजना : मुख्यमंत्री
  • विभागों को बरसाता से पहले सभी तैयारियां पूर्ण करने के दिए निर्देश: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
  • प्राधिकरण द्वारा मसूरी रोड पुरकुल में विभिन्न स्थानों पर लगभग 150 बिघा में अवैध रूप से की जा प्लॉटिंग को ध्वस्त किया
Sunday, July 27
Facebook X (Twitter) Instagram
Swadesh News UKSwadesh News UK
Demo
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • राजनीति
  • राज्य समाचार
  • देश
  • दुनिया
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • खेल
  • मनोरंजन
  • व्यापार
  • धर्म
  • क्राइम
Swadesh News UKSwadesh News UK
Home » हिंसा, युद्ध, आतंकवाद, आर्थिक प्रतिस्पर्धा से त्रस्त दुनिया में क्या अब शांति एवं अमन की संभावनाओं पर विराम लग गया है? क्या शांतिपूर्ण नये विश्व की संरचना अब दिवास्वप्न है? रूस और यूक्रेन के लम्बे युद्ध के बाद इजराइल और ईरान का युद्ध विश्व के लिये महाविनाश की टंकार है।
दुनिया

हिंसा, युद्ध, आतंकवाद, आर्थिक प्रतिस्पर्धा से त्रस्त दुनिया में क्या अब शांति एवं अमन की संभावनाओं पर विराम लग गया है? क्या शांतिपूर्ण नये विश्व की संरचना अब दिवास्वप्न है? रूस और यूक्रेन के लम्बे युद्ध के बाद इजराइल और ईरान का युद्ध विश्व के लिये महाविनाश की टंकार है।

swadeshnewsukBy swadeshnewsukJune 21, 2025Updated:July 3, 2025No Comments
Facebook Twitter WhatsApp Telegram
इस युद्ध के खतरे बढ़ते ही जा रहे हैं। अब तक के नौ दिनों के युद्ध में ईरान और इजरायल में सैकड़ों की मौत, हजारों घायल, अरबों का नुकसान, दुनिया में अनिश्चिंतता एवं भय का माहौल, तेल की बढ़ती कीमतों से महंगाई बढ़ने की आशंका ने समूची दुनिया को डरा रखा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर नुकसान पहुंचा है, लेकिन नष्ट नहीं किया गया है। अमेरिका और इजराइल का मानना है कि ईरान ने परमाणु बम बनाने की क्षमता हासिल कर ली है और अगर अब उसे नहीं रोका गया, तो खतरा पूरी दुनिया को होगा। इजराइल इसी खतरे को मिटाने की बात कहकर ईरान पर तीव्र से तीव्रत्तर हमले कर रहा है और ईरान भी जबावी हमलों में इजरायल में तबाही मचा रखी है। युद्ध भले ही इन दो देशों के बीच हो रहा है, लेकिन उसका प्रभाव समूची दुनिया पर हो रहा है। इस संघर्ष को रोकना आवश्यक है, भले ही अमेरिका अभी तक मैदान में नहीं उतरा और यूरोप अपनी तरफ से कोशिश कर रहा है। इस युद्ध को रोकने के लिये बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।
Share
Facebook Twitter Telegram WhatsApp

ईरान और इजरायल के तीव्र होते युद्ध से बढ़ते खतरे

ईरान और इजरायल संघर्ष की वजह से दुनिया में अनिश्चिंतता एवं अस्थिरता के बादल मंडरा रहे हैं। विशेषतः तेल के दाम आसमान छूने लगे हैं। पिछले दिनों क्रूड ऑयल के दाम में एक ही दिन में पिछले तीन साल की सबसे बड़ी तेजी देखी गयी है। दोनों देश एक-दूसरे के ऊपर मिसाइलों से हमला कर रहे हैं, परमाणु युद्ध की आशंकाएं उग्र होती जा रही है। दोनों देशों के बीच फिलहाल इस युद्ध के रुकने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। तेल की बढ़ती कीमतों ने भारत समेत दुनियाभर के लिए संकट पैदा कर दिया है। क्रूड ऑयल की ग्लोबल डिमांड का 2 प्रतिशत ईरान से आता है। यहां के खरग द्वीप से करीब 90 प्रतिशत तेल बाहर भेजा जाता है। सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि क्रूड शिपमेंट में कमी आई है। पूर्ण युद्ध की स्थिति में ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है। इससे होकर दुनिया की 20 प्रतिशत नेचुरल गैस और एक तिहाई तेल ट्रांसपोर्ट होता है। यह रूट बाधित हुआ तो कच्चे तेल में 20 प्रतिशत तक उछाल आ सकता है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के अनुसार इराक, सऊदी अरब, कुवैत और यूएई से आने वाला कच्चा तेल, जो होर्मुज से होकर गुजरता है, भारत के कुल कच्चे तेल के आयात का लगभग 45-50 प्रतिशत है। एक तथ्य यह भी है कि ईरान भी जानबूझकर तेल की कीमतों को आसमान छूने के लिए मजबूर करके ट्रम्प प्रशासन को अस्थिर करने की कोशिश कर सकता है और पश्चिमी देशों में मुद्रास्फीति बढ़ा सकता है।
ईरान और इजरायल के युद्ध के जटिलतर एवं घातक होते जाने के ही संकेत मिल रहे हैं। इजरायल चाहता है कि ईरान में सत्ता परिवर्तन हो और अयातुल्ला अली खामेनेई के शासन का अंत हो। हालांकि इस बात की गारंटी डॉनल्ड ट्रंप या नेतन्याहू में से कोई नहीं ले सकता कि खामेनेई को हटाने से समस्या का समाधान हो जाएगा। यह कैसे कहा जा सकता है कि नई सत्ता को परमाणु ताकत बनने में कोई दिलचस्पी नहीं होगी, वह भी जब उसके पास अमेरिका और इजरायल के हिसाब से जरूरी साधन मौजूद हैं। इन हवाई हमलों से या जमीन पर सीधी लड़ाई लड़कर भले ही ईरान के इन्फ्रास्ट्रक्चर को खत्म कर दिया जाये, लेकिन ईरान के उस तकनीकी ज्ञान को कैसे खत्म किया जा सकता है, जो ईरानी वैज्ञानिकों ने बरसों की मेहनत से हासिल की है। ऐसे में विदेशी दबाव में हुआ बदलाव ईरान को और ज्यादा कट्टरता की ओर ही ले जायेगा। ऐसे में अमेरिका या इजराइल के हमलों से ईरान में आमूल-चूल परिवर्तन होना संभव प्रतीत नहीं होता। हकीकत में यह काम ईरानी जनता पर छोड़ना चाहिए, बदलाव की मांग वहां से उठनी चाहिए। ईरान के लोग भी अपनी हुकूमत के खिलाफ है, भीतर-ही-भीतर आक्रोश है, इसे आंदोलन का रूप देकर ईरान में सत्ता परिवर्तन का माहौल बनाना चाहिए। यही ईरान के लिये बेहतरी का रास्ता है, क्योंकि परमाणु हथियार बनाने की जिद्द में बहुत सारे संसाधनों को बर्बाद कर दिया है। इराक, लीबिया, सीरिया – कई उदाहरण हैं, जहां पश्चिमी ताकतों ने अपने हिसाब से बदलाव लाने के प्रयास किये, लेकिन इनमें से कहीं भी नतीजा मन-मुताबिक एवं सफल-सार्थक नहीं रहा। ये देश आज भी अस्थिर हैं। तेहरान को लेकर कोई भी दुस्साहस ईरान को भी इन्हीं मुल्कों की श्रेणी में ला सकता है। ऐसी स्थितियों में कैसे बदलाव की आशा की जा सकती है?
अमेरिका हो या इजरायल, ईरान या दुनिया की अन्य महाशक्तियों उनकी तरफ से ऐसी कोई पहल होती हुई नहीं दिख रही है, जिससे लगे कि वे यह संघर्ष टालना चाहते हैं। इजराइल का कहना है कि वह ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को खत्म करने के लक्ष्य को हासिल होने तक युद्ध नहीं रोकेगा, लेकिन क्या ऐसा संभव है? ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची का कहना है कि कोई भी बातचीत इजराइली हमले रुकने के बाद ही होगी। दोनों देशों की जिद्द एवं अकड से प्रतीत नहीं होता कि शांति एवं युद्ध विराम का रास्ता संभव है। ईरान निश्चित रूप से दोषी है, दुनिया में अशांति का बड़ा कारण भी है। क्योंकि उसने अपने परमाणु-शक्ति के अपने प्रयासों को इस हद तक आक्रामक रूप से छिपाया कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को भी कहना पड़ा कि ईरान अपने परमाणु अप्रसार दायित्वों का पालन नहीं कर रहा है। वैसे, इजराइल ने पिछले 15 वर्षों में कई बार ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर निशाना साधा है, लेकिन हर बार वह या तो अमेरिकी दबाव में या अपनी सैन्य क्षमताओं पर संदेह के कारण अंतिम समय पर पीछे हट गया था। सवाल यह भी है कि इस संघर्ष का इराक, लेबनान, सीरिया और यमन पर क्या असर होगा, क्योंकि वहां पर ईरान एक लंबे समय से अपना प्रभाव जमाए हुए है और सशस्त्र उग्रवादियों एवं आतंकवादियों को पोषित करता आया है। हिजबुल्ला की रीढ़ तोड़ने से इस परिदृश्य में बदलाव की शुरुआत पहले ही हो चुकी है और लेबनान-सीरिया में पहले ही इसका लाभ मिल चुका है, जहां नए, बहुलतावादी नेताओं ने सत्ता संभाली है। ईरान के प्रभाव-क्षेत्र से इराक का पलायन भी वहां के लोगों के बीच व्यापक रूप से लोकप्रिय रहा है।
ईरान की जनता अपने शासकों के प्रति नाराज है। वह सत्ता परिवर्तन चाहती है, इसलिये इजराइल से युद्ध में जनता का समर्थन नगण्य है। इसका फायदा इजरायल को मिल रहा है, इसी कारण इजरायल ईरान के शीर्ष मिलिट्री अधिकरियों की सटीक लोकेशन खोजकर उन्हें मार गिराने में सफल हो पायी है। इससे मालूम होता है कि कितने ईरानी अधिकारी इजराइल के लिए काम करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि वे अपनी सरकार को नापसंद करते हैं। बावजूद इसके अगर इजराइल अपने प्रयास में विफल हो जाता है और तमाम चोटें खाने के बावजूद ईरान परमाणु हथियार बनाने में सक्षम हो जाता है तो इससे क्षेत्र पहले से कहीं अधिक अस्थिर हो जाएगा।

Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp
swadeshnewsuk

Related Posts

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून में भव्य योग व मेंटल वेलनेस शिविर का आयोजन

June 21, 2025
Read More
Leave A Reply Cancel Reply

Top Posts

सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित कांवड़ मेला संपादन हेतु दुरुस्त करें तैयारीः मुख्य सचिव।

June 23, 20258

प्रथम युवा (अंडर-18) राष्ट्रीय कबड्डी-चैम्पियनशिप 2025 का हुआ भव्य समापन।

July 2, 20257

डॉक्टर्स डे समारोह में बुद्धिजीवी फाउंडेशन ने एटलांटिस क्लब, पंडितवाड़ी चकराता रोड, देहरादून में प्रतिष्ठित डॉक्टरों को उनके स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और समाज के प्रति निःस्वार्थ सेवा के लिए में किया सम्मानित

July 2, 20256

फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल द्वारा उत्तराखंड में श्री पंकज मेसोंन का प्रेसीडेंट पद पर चयन : जल्द ही जनपद स्तरीय इकाइयों का गठन होगा

June 21, 20254
Don't Miss
उत्तराखण्ड

एसएसपी देहरादून के निर्देश पर दून पुलिस का एक्शन, नारकोटिक्स के हिस्ट्रीशीटर अपराधियों पर रखी जा रही कड़ी नजर

July 17, 2025 उत्तराखण्ड

*मा० मुख्यमंत्री उत्तराखंड के “ड्रग्स फ्री देवभूमि 2025” के विजन को साकार करती दून पुलिस*…

Read More

पंचायत चुनाव से पहले देहरादून पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 17 पेटी अवैध शराब के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार

July 17, 2025

आम आदमी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी महेंद्र यादव का भव्य स्वागत

July 16, 2025

असहाय, अनाथ बालिकाओं की पढ़ाई में ऑलरेडी बरदान साबित हो रहा डीएम का प्राजेक्ट नंदा-सुनंदा।

July 16, 2025
Stay In Touch
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • Instagram
  • YouTube
  • Vimeo

Swadesh News UK is a leading Hindi online news analysis portal. Launched in 2025, and we focuses on delivering around the clock Different variety news analysis, Agriculture, Education, Business, Entertainment, Art-Literature-Culture and Media etc.

Address: Email Us: swadeshnewsuk@gmail.com

Facebook X (Twitter) Instagram YouTube WhatsApp
Our Picks

एसएसपी देहरादून के निर्देश पर दून पुलिस का एक्शन, नारकोटिक्स के हिस्ट्रीशीटर अपराधियों पर रखी जा रही कड़ी नजर

July 17, 2025

पंचायत चुनाव से पहले देहरादून पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 17 पेटी अवैध शराब के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार

July 17, 2025

आम आदमी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी महेंद्र यादव का भव्य स्वागत

July 16, 2025
Most Popular

सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित कांवड़ मेला संपादन हेतु दुरुस्त करें तैयारीः मुख्य सचिव।

June 23, 20258

प्रथम युवा (अंडर-18) राष्ट्रीय कबड्डी-चैम्पियनशिप 2025 का हुआ भव्य समापन।

July 2, 20257

डॉक्टर्स डे समारोह में बुद्धिजीवी फाउंडेशन ने एटलांटिस क्लब, पंडितवाड़ी चकराता रोड, देहरादून में प्रतिष्ठित डॉक्टरों को उनके स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और समाज के प्रति निःस्वार्थ सेवा के लिए में किया सम्मानित

July 2, 20256
© 2025 Swadesh News UK. All Rights Reserved.
  • होम
  • About Us
  • Terms and Conditions
  • Privacy Policy
  • Contact Us

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.